नई दिल्ली. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 18 सरकारी बैंकों में फ्रॉड के 2,480 मामले सामने आए। इनमें 31,898.63 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई। आरबीआई ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी। हालांकि, यह नहीं बताया कि धोखाधड़ी के मामले किस प्रकार के हैं और इनसे बैंकों या ग्राहकों को कितना नुकसान हुआ। न्यूज एजेंसी ने रविवार को यह रिपोर्ट दी। इसके मुताबिक नीचम के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने आरबीआई से जानकारी मांगी थी।
अप्रैल-जून में किस बैंक में फ्रॉड के कितने मामले?
बैंक | धोखाधड़ी के मामले | फ्रॉड की रकम (रुपए करोड़) |
एसबीआई | 1197 | 12,012.77 |
इलाहाबाद बैंक | 381 | 2,855.46 |
पीएनबी | 99 | 2,526.55 |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 75 | 2,297.05 |
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स | 45 | 2,133.08 |
केनरा बैंक | 69 | 2,035.81 |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | 194 | 1,982.27 |
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया | 31 | 1,196.19 |
कॉरपोरेशन बैंक | 16 | 960.80 |
इंडियन ओवरसीज बैंक | 46 | 934.67 |
सिंडिकेट बैंक | 54 | 795.75 |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 51 | 753.37 |
बैंक ऑफ इंडिया | 42 | 517 |
यूको बैंक | 34 | 470.74 |
इनके अलावा 4 अन्य बैंकों- बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आंध्रा बैंक, इंडियन बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक में भी फ्रॉड के मामले सामने आए। लेकिन, इनकी संख्या और रकम का पता नहीं चल पाया है।